पाउ कहाँ बिसाऊँ, भरपर्दो छैन ठाउँ
इमान जमान छैन बेईमान सारा गाउँ
आफैले खाऊँ लाऊँ आफ्नैलाई पालूँपोसूँ
फुर्सत कहाँ कसैलाई हेर्ने अरुको घाउ
इमान जमान छैन बेईमान सारा गाउँ
पाउ कहाँ बिसाऊँ
बाँच र बाँच्न देऊ भावना मरिसकेछ
माथि अझै माथी पुग्ने सबैको दाउ
इमान जमान छैन बेईमान सारा गाउँ
पाउ कहाँ बिसाऊँ
महँगो हरेक बस्तु सस्तो छ केवल मान्छे
मान्छेकै दुनियाँमा मान्छेकै छैन भाउ
इमान जमान छैन बेईमान सारा गाउँ
पाउ कहाँ बिसाऊँ
कागजमा बन्दी न्याय अन्याय खुला सडकमा
बोल्दैन देउता पनि दुखेसो कहाँ पोखाऊँ
इमान जमान छैन बेईमान सारा गाउँ
पाउ कहाँ बिसाऊँ